Tuesday, May 16, 2017

बेटी बचाओ, बेटी पढाओ

बेटी बचाओ, बेटी पढाओ
ये नारा हरियाणा की खट्टर सरकार ने दिया था और परिणिति चोपड़ा को ब्रांड एम्बेसडर भी बना दिया था | रोहतक-सोनीपत में हाल ही में दुर्दांत गैंगरेप की घटना घटी है , घटना इतनी अमानवीय है की यहाँ लिखना मुस्किल है जाहिर सी बात है कानून व्यवस्था के नाम पर लचर व्यवस्था है प्रदेश में उपर से घटिया मानसिकता वाले मुख्य(मंत्री) है | घटना काफी हुई है ऐसी हरियाणा में -यानि बेटी बचाने में सक्षम नही है आप |

अब बात करते है बेटी पढ़ाने की - तो दक्षिण हरियाणा के अहिरवाल क्षेत्र के गढ़ रेवाड़ी में स्कूली छात्राएं पिछले 8 दिन से भूख हडताल पर बैठी है | उनकी मांग किसी के विदेशी चंदो या दौरों की जानकारी लेना नही है बल्कि वे सब चाहती है कि उनके गाँव के स्कूल को 12वी कक्षा तक अपग्रेड किया जाये ताकि उन्हें दुसरे गाँव ना जाना पड़े | समस्या उन्हें दुसरे गाँव जाने से नही है , समस्या ये है कि उनकी सुरक्षा भगवान के भरोसे है क्योंकि दुसरे गाँव के राह में विकृत मानसिकता के लडके उनपे फब्तियां कसते है , छेड़छाड़ करते है , ना जाने कब रोहतक जैसी घटना घट जाए यदि ऐसा होता है तो जिम्मेदारी लेगा कौन |
लडकियाँ और उनके माता पिता खुद हडताल पर बैठे है , कुछ छात्राओं की हालत खराब होती जा रही है लेकिन सरकार का कोई मंत्री , संतरी , बाबु यहाँ नही आया है |

सुनने में आया है बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव भी इनके समर्थन में है जोकि हाल ही में घटिया खाने की शिकायत करने के चलते सीमा सुरक्षा बल से बर्खास्त किए गये |

इस राज्य में भाजपा की सरकार है , और केंद्र में भी भाजपा है | पुलिस तो सक्षम है नही, और सरकार को चिंता नही |


Mentality of CM


Thursday, May 11, 2017

केजरीवाल अगर संघर्ष करने को तैयार हों तो मुझे गालियां खाकर भी उनके पक्ष में खड़े रहने से गुरेज नहीं होगा.




उम्मीदों से भरे एक आंदोलनकारी नेता को अंत की तरफ बढ़ते देखना दुखद है! -

मैं केजरीवाल के पक्ष में खड़ा होना चाहता हूं. ये जानते हुए भी इस वक्त ऐसी बात मुंह से निकालना गालियों की बौछार को न्योता देना है. ये जानते हुए भी कि ये एक बहुत कमजोर और लगभग हारा हुआ मुकदमा है.मैं केजरीवाल के पक्ष में इसलिए खड़ा होना चाहता हूं क्योंकि मैं उन्हें उसी भीड़तंत्र की भेंट चढ़ता हुआ देख रहा हूं, जिस भीड़तंत्र ने उन्हें बनाया था. भीड़ बहुत ताकतवर चीज है. भीड़ किसी राह चलते आदमी को महात्मा बना सकती है और किसी बेकसूर की जान भी ले सकती है. भीड़ चुटकियों में सब कुछ तय कर लेती है. भीड़ से एक आवाज उठती है- ईमानदारी का बोलबाला है और पूरा देश मान लेता है कि ईमानदारी का युग आ गया. भीड़ से आवाज उठती है बेईमान का मुंह काला और पूरा देश मान लेता है कि कल तक जो ईमानदार था अब वह परले दर्जे का बेईमान है. भीड़ फौरन कंबल और डंडा ढूंढने लगती है. इसी तरह चलता है हमारा महान लोकतंत्र.
लहरों की सवारी :-
केजरीवाल के उत्थान और पतन की कहानी लहरों की सवारी की कहानी है. कुछ साल पहले भारत में ईमानदारी की एक लहर उठी और देखते-देखते मास हिस्टीरिया यानी सामूहिक उन्माद में बदल गई.पूरे घर को बदल डालूंगा वाले अंदाज में देश ने मान लिया कि हम जिस व्यवस्था में रहते हैं वह बने रहने लायक नहीं है. कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका सबकुछ पूरी तरह भ्रष्ट है. देखा जाये तो यह बात पूरी तरह सही नहीं है लेकिन बहुत हद तक सच है.
लेकिन इस सच तक हमारी महान जनता किस आधार पर पहुंची? क्या वह कोई सामूहिक विवेक था जो देश की हालत को देखते और समझते हुए धीरे-धीरे विकसित हुआ था. अगर ऐसा हुआ होता तो देश सचमुच बदल जाता. लेकिन वह महज एक लहर थी, ठीक वैसी ही लहर जिस तरह नये फैशन की कोई लहर उठती है. या फिर भारत पर वर्ल्ड कप क्रिकेट जीतने का जो बुखार चढ़ता है. जिस तरह पब्लिक कहती है,  'सोनम गुप्ता बेवफा है' उसी तरह पूरे देश ने कहना शुरू कर दिया- पॉलिटकल सिस्टम सड़ा हुआ है और देश की संसद डाकुओं का अड्डा है.
बीजेपी के लिए केजरीवाल का डर उसी वक्त था जब तक भीड़ की ताकत उनके साथ नजर आ रही थी. मास हिस्टीरिया एक बार फिर उभर रहा है लेकिन अलग ढंग से. जिस तरह केजरीवाल ईमानदारी के सबसे बड़े मसीहा माने गये थे उसी तरह उन्हें बिना किसी ठोस तथ्य के भ्रष्ट करार दिया जा रहा है. जिस भीड़ ने उन्हें सिर आंखों पर बिठाया था वही भीड़ अब उन्हें पांवों तले रौंदने को तैयार है. जाहिर है बीजेपी के लिए अपने दुश्मन की राजनीतिक हत्या का इससे बेहतर कोई और मौका नहीं होगा. आम आदमी पार्टी के आधे से ज्यादा विधायकों पर मुकदमे हैं. बहुत से असंतुष्ट हैं. ब्लैकमेलिंग और सौदेबाजी की खबरें भी आम हैं. ऐसे में ताज्जुब नहीं होगा कि अगर आनेवाले महीनो में आम आदमी पार्टी की सरकार गिर जाये.
नैतिकता के साथ चालूपने की मिलावट नहीं चल सकती और कम बेईमान आदमी ज्यादा बेईमान आदमी से ईमानदारी की जंग नहीं जीत सकता.
ये बातें अगर केजरीवाल समझने को तैयार हों और देश को समझाने के लिए संघर्ष करने को तैयार हों तो मुझे गालियां खाकर भी उनके पक्ष में खड़े रहने से गुरेज नहीं होगा.
http://hindi.firstpost.com/politics/the-eclipse-of-arvind-kejriwal-as-a-leader-is-a-sad-chapter-of-indian-politics-sa-28386.html

Wednesday, May 10, 2017

अरविन्द ! - ये सच है ?

अरविन्द ! ये सच है कि तुम भारतीय राजनीति में आवश्यक हो किन्तु ये भी सच है कि राजनीति तुम्हारे लायक नहीं। हम हिंदुस्तानी भी अब तुम्हारे जैसा नेता डिजर्व नहीं करते।
क्योंकि हम वो लोग हैं जो अपना नेता टीवी देखकर तय करते हैं, हमें किसके सिद्धांतों पर चलना है, ये भी हम टीवी पत्रकारों की बातें सुनकर निर्धारित करते हैं।
तुम संघर्षों से जन्में एक नेता हो और आज भी संघर्ष कर रहे हो और यकीन मानों तब तक संघर्ष करते रह जाओगे,जब तक तुम्हारे शरीर में प्राण हैं या तब तक जब तक तुम खुद हार नहीं मान लेते।
लोगों का ईमान यहाँ कौड़ियों में बिकता है लेकिन तुमने 2 करोड़ लिए होंगें, ये बात तुम्हारे विरोधी भी दृढ़ता से नहीं मान रहे, ये तुम्हारी ईमानदार छवि का नायाब नमूना है।
लेकिन तुम किस किस का मुंह बंद रखोगे? किस किसको बिकने से बचा पाओगे? लोग सूटकेसों में पैसे भर भरकर खड़ें हैं तुम्हारे सांसदों, विधायकों, मंत्रियों और पार्षदों के घर के बाहर।
आज एक कपिल मिश्रा बिका है,, कल को कोई और बिकेगा,,परसों कोई और और ये सिलसिला तब तक चलेगा जब तक तुम टूट नहीं जाते !
आज तुम्हें रास्ते से हटाना पाकिस्तान को हटाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है, देखना! महीने दो महीने में तुम्हारी सरकार गिरा दी जायेगी, तुम्हारे विधायकों को साम दाम दंड भेद किसी भी नीति से खरीद लिया जाएगा! फिर क्या करोगे??
कितना अच्छा होता कि तुम इनकम टैक्स कमिश्नर पद पर 35 साल नौकरी करते। दूसरे कमिश्नरों की तरह साल के 10-20 करोड़ कमाते और अपनी सात पुश्तों का इंतेजाम करते!! तुमको भी क्या सूझी इस कीचड़ में उतरने की,,लोगों की गालियां खाने की और रिश्वतखोरी के आरोप सहने की...!!!!
तुम ये मान लो कि सड़क पर दारु पीकर टुन्न कोई बेवड़ा भी अगर रात को ये चिल्लाता हुए घूम जाए कि तुमने उससे 2 लाख मांगें हैं तो मीडिया उस खबर को 3 दिन दिखायेगा लेकिन अगर तुम या राहुल गांधी दस्तावेज दिखाते हुए कहे कि मोदीजी ने 25 करोड़ की घूस ली थी, तो मीडिया उसकी चर्चा भी नहीं करेगा।।
यही हाल जनता का भी है अरविन्द!! उसे कांग्रेस और बीजेपी के भ्रष्टाचार से लेकर बलात्कार तक सब पसंद हैं लेकिन तुम्हारे घर से मरा हुआ चूहा भी निकल आएगा तो बेवकूफ फेसबुक में लिखकर तुम्हारा इस्तीफ़ा मांगने लगेंगें!!
तुम किन जाहिलों के लिए अपना जीवन खपा रहे हो? मरने दो इन सबको राजनीति के इस गटर में सड़ सड़के और तुम भी संन्यास लेकर शांति की मौत मरो! ये द्वापर युग नहीं, जहाँ तुम्हें बचाने कोई कृष्ण आएगा। यहाँ जीत अंत में कौरवों की ही होनी है और सारे पांडव एक-एक करके षड्यंत्रों के बाणों से छलनी हो जाने वाले हैं!!


Monday, May 8, 2017

जिंदगी लगा दी पढ़ाई में उसे किसी भी अनपढ़ पढ़े लिखे सफेदपोश से कभी भी सुनना पड़ जाता है

आईपीएस अधिकारी चारू निगम (2013 बैच) पर गोरखपुर में प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने हमला कर दिया , तत्पश्चात उन्हें बल प्रयोग करना पड़ा | चारू निगम आईपीएस अधिकारी हैं और योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर में इनकी छवि लेडी सिंघम की है, लेकिन उसी लेडी सिंघम को बीजेपी विधायक राधा मोहन अग्रवाल ने बीच सड़क पर रोने के लिए मजबूर कर दिया.
गोरखपुर के बीजेपी विधायक राधा मोहन अग्रवाल एक महिला आईपीएस अधिकारी के साथ सरेआम बदतमीजी करने का आरोप लगा है. नौबत यहां तक आ गई कि लेडी सिंघम के नाम से मशहूर आईपीएस चारू निगम की आंखों से आंसू निकल आए.
तो क्या ये U.P.S.C का पेपर पास करके , कठिन ट्रेनिंग से आकर , इन 8वी पास या शायद वो भी नही होंगे की धमकियों और बदतमीजियों को सहने आते है |
2013 बैच से थी यानी सर्विस ज्यादा नही हुई है , 2010 से पहले की होती तो शायद हाथ जोड़ कर समझ जाती और कुछ समझ में ये स्वयं ही बदल जाएँगी लेकिन जिन टट्टू व्यक्तियों को हमने वो पद दिया है जिसकी अंग्रेजी में वो SPELLING तक नही बता सकते क्या वे कभी सुधरेंगे |

नशा सत्ता का है , चूर होगा होना भी चाहिए , लेकिन काम करने वाले अफसरों को मत दबाइए | प्रदर्शन शराब माफिया के खिलाफ था जोकि ये नेता लोग ही चलवाते है नाकि ये आईपीएस अधिकारी |
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सिर्फ गुस्सा इसी बात पे आता है कि जिसने अपनी जिंदगी लगा दी पढ़ाई में उसे किसी भी अनपढ़ पढ़े लिखे सफेदपोश से कभी भी सुनना पड़ जाता है |

Friday, May 5, 2017

Traditional Parties vs AAP : The Political Fight

एक छोटी सी पार्टी है , या फिर कहलो मेरे जैसे उन लोगों का समूह है जो इन ट्रेडिशनल सरकारों और पार्टियों से नाराज है - नाम है ''आम आदमी पार्टी '' | ये मात्र 3 साल पुरानी पार्टी है जोकि आन्दोलन से आई थी | देश में और भी बूढी-बूढी  पार्टियाँ है भाजपा , कांग्रेस लेकिन इतिहास में भी शायद किसी सरकार और पार्टी को इतना परेशान नही किया गया जितना की ''दिल्ली की केजरीवाल सरकार'' और उनकी और हमारी अपनी ''आम आदमी पार्टी'' को किया गया है |

* सत्ताधारी आम आदमी पार्टी का दफ्तर छीन लेना |
* सीबीआई की रेड मुख्यमंत्री कार्यालय पर |
* प्रधान सचिव को गिरफ्तार करना और CM का नाम लेने को कहना |
* उप मुख्यमंत्री पर केस चलाना |
* 37 से ज्यादा विधायकों को गिरफ्तार करवाना (अधिकांश साबित नही हुए )
* स्वास्थ्य मंत्री पर सीबीआई रेड |
* स्वास्थ्य सचिव पर केस |
* पूर्व उपराज्यपाल द्वारा चुनी हुई पूर्ण बहुमत की सरकार को प्रताड़ित करना |
* जनलोकपाल के  लिए अनुमति न देना |
* ACB पर से अधिकार चीन लेना |
* MCD के कार्यक्षेत्र में खुद ना काम करना और ना विधायक फण्ड से काम होने देना |
* LG के माध्यम से सरकार के फैसले को रुकवाना |
* LG ऑफिस से कागजात लीक करवाना |
* राज्य चुनाव आयोग के माध्यम से परेशान करना |
* फण्ड के मामले में झूठे आरोप लगाना |
* होम मिनिस्ट्री से नोटिस भिजवाना |

 ये सब भाजपा के द्वारा नही तो और किसके द्वारा , और भी बहुत कुछ ,  सच में अरविन्द केजरीवाल पूर्ण बहुमत में भी , काँटों की कुर्सी वाली सरकार चला रहे है | क्योंकि कदम कदम पर समझोता शायद अरविन्द से सिखा ही नही है वरना इस देश में चापलूसी से भी सरकार चल सकती है |


Wednesday, May 3, 2017

केजरीवाल होना गुनाह है

इस गुनहगारों की दुनिया में, एक Arvind Kejriwal होना भी गुनाह है :D :D 



केजरीवाल के आलोचको को समर्पित.......

केजरीवाल के आलोचको को समर्पित.......
अगर आपको सिर्फ कमियाँ ही देखनी

हैं, तो बेहद ध्यान से देखने पर आपको
अपनी GF की भी मूंछे दिखाई देंगी.......!!!!!



संघर्ष , लड़ाई और जीत

जीत निश्चित हो तो कायर भी लड़ सकते हैं,
बहादुर वे कहलाते हैं, जो हार निश्चित हो,
फिर भी मैदान नहीं छोड़ते |
Dr. Kumar Vishwas


I Am Raising : संकलन

दिन प्रतिदिन वातावरण में उठने वाले सभी मुद्दों जोकि सामाजिक , राजनीतिक इत्यादी है, का संकलन यहाँ किया गया है |लेखन और सामग्री व्यक्तिगत विचार है |