Wednesday, May 10, 2017

अरविन्द ! - ये सच है ?

अरविन्द ! ये सच है कि तुम भारतीय राजनीति में आवश्यक हो किन्तु ये भी सच है कि राजनीति तुम्हारे लायक नहीं। हम हिंदुस्तानी भी अब तुम्हारे जैसा नेता डिजर्व नहीं करते।
क्योंकि हम वो लोग हैं जो अपना नेता टीवी देखकर तय करते हैं, हमें किसके सिद्धांतों पर चलना है, ये भी हम टीवी पत्रकारों की बातें सुनकर निर्धारित करते हैं।
तुम संघर्षों से जन्में एक नेता हो और आज भी संघर्ष कर रहे हो और यकीन मानों तब तक संघर्ष करते रह जाओगे,जब तक तुम्हारे शरीर में प्राण हैं या तब तक जब तक तुम खुद हार नहीं मान लेते।
लोगों का ईमान यहाँ कौड़ियों में बिकता है लेकिन तुमने 2 करोड़ लिए होंगें, ये बात तुम्हारे विरोधी भी दृढ़ता से नहीं मान रहे, ये तुम्हारी ईमानदार छवि का नायाब नमूना है।
लेकिन तुम किस किस का मुंह बंद रखोगे? किस किसको बिकने से बचा पाओगे? लोग सूटकेसों में पैसे भर भरकर खड़ें हैं तुम्हारे सांसदों, विधायकों, मंत्रियों और पार्षदों के घर के बाहर।
आज एक कपिल मिश्रा बिका है,, कल को कोई और बिकेगा,,परसों कोई और और ये सिलसिला तब तक चलेगा जब तक तुम टूट नहीं जाते !
आज तुम्हें रास्ते से हटाना पाकिस्तान को हटाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है, देखना! महीने दो महीने में तुम्हारी सरकार गिरा दी जायेगी, तुम्हारे विधायकों को साम दाम दंड भेद किसी भी नीति से खरीद लिया जाएगा! फिर क्या करोगे??
कितना अच्छा होता कि तुम इनकम टैक्स कमिश्नर पद पर 35 साल नौकरी करते। दूसरे कमिश्नरों की तरह साल के 10-20 करोड़ कमाते और अपनी सात पुश्तों का इंतेजाम करते!! तुमको भी क्या सूझी इस कीचड़ में उतरने की,,लोगों की गालियां खाने की और रिश्वतखोरी के आरोप सहने की...!!!!
तुम ये मान लो कि सड़क पर दारु पीकर टुन्न कोई बेवड़ा भी अगर रात को ये चिल्लाता हुए घूम जाए कि तुमने उससे 2 लाख मांगें हैं तो मीडिया उस खबर को 3 दिन दिखायेगा लेकिन अगर तुम या राहुल गांधी दस्तावेज दिखाते हुए कहे कि मोदीजी ने 25 करोड़ की घूस ली थी, तो मीडिया उसकी चर्चा भी नहीं करेगा।।
यही हाल जनता का भी है अरविन्द!! उसे कांग्रेस और बीजेपी के भ्रष्टाचार से लेकर बलात्कार तक सब पसंद हैं लेकिन तुम्हारे घर से मरा हुआ चूहा भी निकल आएगा तो बेवकूफ फेसबुक में लिखकर तुम्हारा इस्तीफ़ा मांगने लगेंगें!!
तुम किन जाहिलों के लिए अपना जीवन खपा रहे हो? मरने दो इन सबको राजनीति के इस गटर में सड़ सड़के और तुम भी संन्यास लेकर शांति की मौत मरो! ये द्वापर युग नहीं, जहाँ तुम्हें बचाने कोई कृष्ण आएगा। यहाँ जीत अंत में कौरवों की ही होनी है और सारे पांडव एक-एक करके षड्यंत्रों के बाणों से छलनी हो जाने वाले हैं!!


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I Am Raising : संकलन

दिन प्रतिदिन वातावरण में उठने वाले सभी मुद्दों जोकि सामाजिक , राजनीतिक इत्यादी है, का संकलन यहाँ किया गया है |लेखन और सामग्री व्यक्तिगत विचार है |